आज के दौर में मिलावटी, पैकेज्ड और प्रोसेस्ड फूड्स ने लगभग हर घर में अपनी जगह बना ली है। इसकी वजह से बीमारियों का खतरा भी तेजी से बढ़ता जा रहा है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन (NIN) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में करीब 56.4% बीमारियों का संबंध सीधे तौर पर खराब खानपान से है। यह चिंताजनक आंकड़ा हमें अपनी सेहत के बारे में सोचने पर मजबूर करता है। इसी स्थिति को ध्यान में रखते हुए ICMR ने भारतीयों के लिए कुछ डाइटरी गाइडलाइंस दी हैं। इसका मुख्य उद्देश्य हर व्यक्ति को स्वस्थ, फिट और रोगमुक्त बनाना है। NIN के मुताबिक, संतुलित डाइट और नियमित एक्सरसाइज से हार्ट डिजीज, हाई ब्लड प्रेशर और टाइप 2 डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा 80% तक कम किया जा सकता है। तो चलिए, आज जरूरत की खबर में हम ICMR की डाइटरी गाइडलाइंस के बारे में विस्तार से बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि बच्चों, बुजुर्गों और प्रेग्नेंट वुमन की डाइट में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? एक्सपर्ट: डॉ. अनु अग्रवाल, न्यूट्रिशनिस्ट और ‘वनडाइटटुडे’ की फाउंडर सवाल- ICMR की डाइटरी गाइडलाइंस में क्या सुझाव दिए गए हैं? जवाब- ICMR की डाइटरी गाइडलाइंस यह बताती हैं कि एक स्वस्थ, सक्रिय और रोगमुक्त जीवन के लिए संतुलित व पौष्टिक डाइट लेना बेहद जरूरी है। ये गाइडलाइंस प्रेग्नेंसी, बचपन, किशोरावस्था और बुजुर्गों के अनुसार सही खानपान की आदतों को अपनाने पर जोर देती हैं। इसमें यह भी बताया गया है कि कैसे रेगुलर फिजिकल एक्टिविटीज, बेस्ट फूड चॉइस और सही कुकिंग मेथड हमारी सेहत को बेहतर बना सकते हैं। नीचे दिए गए ग्राफिक से ICMR की 17 डाइटरी गाइडलाइंस को ध्यान से समझिए-
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