15 लाख लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ कर अच्छा किया है
5 लाख लोगों ने नागरिकता छोड़ी, क्या भारत से भरोसा उठता जा रहा है?
अच्छे अवसर की तलाश में दुनिया के किसी भी देश में जाना चाहिए। अच्छी शिक्षा के लिए दुनिया के किसी भी देश में जाना चाहिए। यह सवाल नैतिकता और भावुकता का नहीं है। मगर यह सवाल ज़रूर है कि क्या हमने लाखों कालेजों को इस लायक बनाया है, क्या हमें उन कालेजों में पढ़ाई की गुणवत्ता पर भरोसा है? या केवल डिग्री के लिए लाखों की फीस दिए जा रहे हैं। दस साल में 15 लाख से अधिक लोगों का भारत की नागरिकता छोड़ देना सामान्य घटना नहीं है। इसी बहाने हमें अपने भीतर झांक कर देखना चाहिए कि क्या सफल और मेहनती भारतीयों का भारत के सिस्टम से भरोसा उठता जा रहा है? क्या उनकी उम्मीद अब टूट चुकी है कि भारत कभी कुछ ठीक नहीं होगा। यहां कुछ लोग सत्ता पाकर वसूली करते रहेंगे, मीडिया कभी लोगों की आवाज़ नहीं बनेगा और न सही जानकारी देगा, इंसाफ की लड़ाई हर स्तर पर मुश्किल होती जाती है, इन पैमानों से आप देखिए कि क्या भारत रहने लायक है, क्या इन 15 लाख लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ कर अच्छा किया है?