वोट चोरी पश्चिमी मीडिया का नया Toolkit? EC | Rahul Gandhi
एक तरफ देश के भीतर लोकतंत्र को कमजोर करने के लिए चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाया जा रहा है, दूसरी तरफ विदेशी मीडिया का भारत विरोधी टूलकिट एक्टिव हो गया है। पश्चिमी मीडिया अब साबित करने में लगी है कि भारत के चुनाव में धांधली हो रही है और भारत का चुनाव आयोग ईमानदारी से काम नहीं कर रहा है। बिहार में S.I.R को लेकर The New York Times ने एक लेख छपा है। इसमें सबसे ध्यान देने वाली बात ये है कि इसमें विपक्षी दलों की बातों को तो प्रमुखता से जगह दी गई है लेकिन उस चुनाव आयोग की बातों को जगह नहीं दी गई है, जिस पर भारत में चुनाव कराने और वोटर लिस्ट को UPDATE करने की जिम्मेदारी है। जिससे इन ख़बरों की निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं। इस लेख में दावा किया गया है कि वोटर लिस्ट पर विवाद तब शुरु हुआ, अब चुनाव आयोग ने अचानक बिहार में 60 लाख वोटर्स का नाम मतदाता सूची से हटा दिया। जबकि सच्चाई ये है कि बिहार में S.I.R की प्रक्रिया अचानक नहीं शुरू हुई। चुनाव आयोग ने तय नियम और समय के आधार पर वोटर लिस्ट को अपडेट करने का काम किया है। बिहार में चुनाव आयोग ने जून से लेकर जुलाई तक S.I.R में वोटर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया चलाई। उसके बाद 1 अगस्त को डॉफ्ट मतदाता सूची जारी किया है। जिस पर वोटर और राजनीतिक पार्टियां अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। New York Times ने ये बात कहीं नहीं बताई है कि आजादी के बाद से अबतक भारत में 13 बार S.I.R हो चुका है और बिहार में वर्ष 2003 में S.I.R हो चुका है।