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संवैधानिक मर्यादा से खिलवाड़ करने वाले धनखड़ की अमर्यादित विदाई
जगदीप धनखड़ ने इस्तीफ़ा दिया
जगदीप धनखड़ ने इस्तीफ़ा दिया है या उनसे देने के लिए कहा गया है? यह सवाल मुश्किल नहीं है। किस वजह से उन्हें पद से हटाया गया, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। तरह तरह की थ्योरी उस जवाब तक क्यों नहीं पहुंच पा रही है? ऐसा नहीं कि किसी को मालूम नहीं है लेकिन कोई अपनी ज़बान से नहीं कहना चाहता। जिस प्रधानमंत्री के लिए धनखड़ ने इतिहास में अपना नाम ख़राब किया, उस प्रधानमंत्री की तरफ से इस्तीफे पर कोई ट्वीट तक नहीं आया। आया मगर कई घंटों के बाद। धनखड़ का इस्तीफा एक बात का जवाब है कि धनखड़े जैसे लोग केवल बदले जाएंगे, हटाए नहीं जाएंगे। बीजेपी में आज भी कई धनखड़ हैं और वे उनकी जगह लेंगे। मतलब संवैधानिक संस्थाओं की मर्यादा को कुचला जाना जारी रहेगा। आप केवल तमाशा देखते रहेंगे।