RSS Muslim Outreach पर विपक्ष उठा रहा सवाल, Mohan Bhagwat की बात मानेगी BJP?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक ने मुस्लिम संगठनों के साथ समरसता और भाईचारा बढ़ाने के लिए संवाद किया है। इस पहल का स्वागत किया गया है, लेकिन साथ ही यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या भारतीय जनता पार्टी के नेता भी इन बातों पर अमल करेंगे। चर्चा में यह बात सामने आई कि सरसंघचालक की बात का संघ परिवार में आंख बंद करके पालन होता है, तो फिर BJP और उससे जुड़े संगठन मुसलमानों के खिलाफ बयानबाजी क्यों करते हैं। इस पर ‘अविश्वास’ और ‘भरोसे की कमी’ की बात कही गई। सरदार पटेल के शब्दों का उल्लेख किया गया कि “ये कहते कुछ है, करते कुछ है और ये डबल गेम करते। हम उनको ये गेम खेलने नहीं देंगे।” गोलवलकर की किताबों ‘वी ऑर आर नेशनहुड डिफाइंड’ और ‘बंच ऑफ थॉट्स’ में मुसलमानों को ‘आंतरिक दुश्मन’ बताए जाने के पुराने विचारों पर भी बहस हुई। यह भी कहा गया कि क्या यह संघ और BJP की ‘दोहरी नीति’ है, जहां एक तरफ संवाद हो रहा है और दूसरी तरफ मुसलमानों को ‘घुसपैठिया’ कहा जा रहा है। यह सवाल भी उठा कि क्या यह सिर्फ एक ‘PR एक्सरसाइज’ है या वाकई में बदलाव की कोशिश